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अंबानी के मेहमानों के स्वागत में वायुसेना ने संभाला था जामनगर हवाई अड्डा - रिपोर्ट

 15 Apr 2024

उद्योगपति मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी की शादी से जुड़े समारोह में जामनगर हवाई अड्डे का प्रबंधन भारतीय वायुसेना ने किया था। उस समारोह में देश-विदेश के मेहमान आये थे और जामनगर के डिफेंस एयरपोर्ट को पाँच दिनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का दर्ज़ा दिया गया था। 


निजी समारोह के लिए वायु सेना का इस्तेमाल


अंग्रेजी अख़बार द हिंदू के अनुसार, समारोह के दौरान पांच दिनों में 600 विमानों की आवाज़ाही हुई थी जिनकी उड़ानों की देख-रेख का जिम्मा भारतीय वायुसेना द्वारा किया गया था। द हिंदू ने सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया है कि रिलायंस समूह ने रक्षा मंत्रालय को एक पत्र लिखकर 23 फरवरी से 3 मार्च तक के लिए भारतीय वायु सेना की मदद मांगी थी।

इस संबंध में रक्षा सचिव ने वायु सेना के प्रमुख से बात की थी जिसके बाद जामनगर के डिफेंस हवाई अड्डे को 3 मार्च तक के लिए निजी उड़ानों के लिए खोल दिया गया था। ख़बरों के अनुसार, पत्र में 30 से 40 विमानों के आवाजाही की बात की गयी थी, जिनकी संख्या बाद में 600 से अधिक हो गयी। हवाई अड्डे पर सीमित सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए वायुसेना ने अतिरिक्त कर्मचारियों को तैनात किया था, साथ ही हवाई अड्डे के बुनियादी ढाँचे को भी विकसित किया था। 


किसी दुर्घटना को रोकने के लिए सतर्कता बरती गयी थी


विमानों की आवाजाही और नामचीन लोगों के आने के कारण वायु सेना की तरफ़ से कड़े सुरक्षा के इंतज़ाम किये गये थे। वायु सेना ने बड़े विमानों के लिए टैक्सी ट्रैक बनवाये, रनवे तैयार किये और कई स्टॉपर भी बनवाये थे। दरअसल, जामनगर का हवाई अड्डा एक डबल यूजर अड्डा है, जहाँ भारतीय वायु सेना और भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण मिलकर यहां की जिम्मेदारी को संभालते हैं। इसके अलावा, जिन विमानों का समय निर्धारित नहीं था उनके लिए चार घंटों तक सर्विस को बंद कर दिया गया था।इन सभी इंतज़ामों के लिए बड़े पैमाने पर सरकारी कर्मचारियों का उपयोग भी किया गया था।


कांग्रेस ने उठाये थे सवाल

कांग्रेस ने जामनगर हवाई अड्डे का इस्तेमाल एक निजी समारोह के लिए किये जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा  था। कांग्रेस ने कहा था कि एक निजी समारोह के लिए सरकार के तीन मंत्रालयों को काम पर लगाया गया, हवाईअड्डे का नवीनीकरण किया गया, लेकिन कन्नूर का हवाई अड्डा जिसका परिचालन 2018 में ही शुरू किया जा चुका है, उसे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का दर्ज़ा क्यों नहीं दिया गया। क्या यह भेदभाव नहीं है?

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा था कि जब पूंजीपति मित्रों की मदद की बात हो तो प्रधानमंत्री कुछ भी करने के लिए तैयार हैं।  उन्होंने जामनगर के हवाई अड्डे को 10 दिनों तक के लिए अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित कर दिया। वहां की सुविधाओं को दुरुस्त किया गया ताकि समारोह में शामिल लोगों को कोई दिक्कत न हो। उन्होंने  कहा था कि जामनगर का हवाई अड्डा पकिस्तान की सीमा के नज़दीक है और सुरक्षा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील भी है, फिर भी इसके इस्तेमाल करने को लेकर इजाज़त क्यों दी गयी?